जिसकी लाठी उसकी भैंस।
जिसकी लाठी उसकी भैंस।
आज विश्व,
असमानता से भरा हुआ,
किसी के पास इतना,
फिजूल गंवा रहे।
कोई केवल,
बहुत कठिनाई से खाना,
खिला पा रहे।
और कहीं पे,
परिस्थितियां ऐसी,
अधिकांश आबादी,
भूखे पेट सो रही,
साथ में बहुत सा हिस्सा,
सूखे का शिकार,
बेरहम गरीबी करती बुरा हाल।
उपर से,
इन निर्धन,
देशों की सरकारें,
हैं बेहद भ्रष्टाचारी,
खरीदती बेतुके हथियार,
दबाने के लिए विरोध।
उधर कुछ देश,
हैं संपन्न,
लेकिन चलाना,
सबको चाहते,
अपने नियमों अनुसार,
नहीं करते,
उचित और अनुचित की परवाह,
अगर आपने,
थोड़ी सी भी,
दिखाई अपनी मर्जी,
आ धमकेंगे,
लोह लश्कर के साथ,
कर देंगे,
आपका जीना हराम,
सबको प्रताड़ित करेंगे,
बाकी विश्व,
केवल हौसला विदाई करेगा,
परंतु कमजोर को,
सुली चढ़ने देगा।
काश ये दुनिया,
एक सम्मान होती,
सबके पास,
एक से साधन होते,
एक सी ताकत होती,
तो कोई,
दूसरे में हस्तक्षेप,
करने से पहले,
ये जरूर सोचता,
चोट बराबर की है,
हाल सबका खराब होगा।