ज़िन्दगी
ज़िन्दगी
तुझको क्या चाहिए ज़िन्दगी ,
वफा तो निभा रहे थे,
फिर तूने क्यों बेवफाई की
के हमें तुझसे प्यारा लगा वो अजनबी ,
जिसको तू मौत कहता था।
काश तू भी मेरी सुनता ,
मुझसे हमदर्दी की होती ,
मुझ पर ऐतबार किया होता ,
तो क्या मैं तुझसे इतना रूठा होता ,
तेरी ख़ामोशी ,
मेरी बेबसी ने ,
मुझे तेरे दुश्मन से मिला दिया ,
उस अजनबी से मैं मिला
जिसे तू मौत कहता था।
