वक्त
वक्त
वो दरवाज़े के बाहर मुझे आवाज़ दे रहा था,
मैं यहां उसका इंतजार कर रही थी,
वो चाहता था कि मैं तुरंत जाऊँ,
और मेरी ख़्वाहिश थी वो आए
मुझे कोमलता से ले जाए,
उसे देर पसंद न थी,
कोमलता तो दूर की बात,
उसने सब्र की दहलीज पार कर ली,
वो मुझे खींच कर ले गया अपने साथ,
मेरा कोई ज़ोर न चला उस पर,
वो तो निकला ताकतवर,
वो तो वक्त था जो मुझे ले गया ...
