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Gunja Ojha

Drama

2.4  

Gunja Ojha

Drama

जिंदगी के किताबों के पन्ने

जिंदगी के किताबों के पन्ने

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कभी कहानियों से भरी किताब तो

कभी कोरे कागज से लगते हैं

जिंदगी के किताबों के पन्ने

कुछ अजीब से होते हैं ...


कोई प्यार से बोल दे

इस बात के लिए तरसते हैं

तो कभी भीड़ से दूर

अकेलेपन के लिए तड़पते हैं


जिंदगी के किताबों के पन्ने

कुछ अजीब से होते हैं ....


कभी -कभी ख़ामोशी

चुभती है इन्हें

तो कभी शोरगुल से

दूर रहना पसंद करते हैं


जिंदगी के किताबों के पन्ने

कुछ अजीब से होते हैं ........


सुबह के इन्तजार में

रात कब जल्दी बीत जाए

इस बात का सब्र ना रहता इन्हें

तो कभी रात जल्दी बीत जाये

इस बात के लिए तड़पते हैं


जिंदगी के किताबों के पन्ने

कुछ अजीब से होते हैं ..........


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