दिल से
दिल से
1 min
6.8K
धुन्धली हुई सी तस्वीर में भी कभी कभी तकदीर नज़र आती है
बुझी हुई सी आग में भी कभी कभी चिंगारी नज़र आती है
हाथों की लकीरों में जो छिपी क़िस्मत वो भी कभी कभी धुन्धली पड़ जाती है
कहने को किसी ने खूब ही कहा है क्या लेकर आये थे क्या लेकर जाओगे
तब हमने भी ज़माने से कह दिया की आये थे तो खुशियां लेकर आये थे और जाएंगे तो अच्छी यादें देकर जाएंगे
कुछ खोने का ग़म भी है जिंदगी में और कुछ पाने की राहत भी सब सम्भल जायेगा एक दिन इस बात पर ऐतबार भी
बेख़ौफ सी हो ज़िंदगी हमारी इस बात पर ऐतबार कौन करे अब सब अच्छा हो इस बात पर भरोसा हम सब करें।।