“ज़िंदगी का इशारा मिला”
“ज़िंदगी का इशारा मिला”
ज़िंदगी का इशारा मिला
वज़ह जीना दोबारा मिला।
मुहब्बत का नज़ारा मिला
सुकून-ए-रूह अबद मिला।
मुनफ़रिद पल आसरा मिला
सूरत-ए-शम्अ सुहाना मिला।
दरिया-दिल का किनारा मिला
भिगी रेत शबनमी बूंद मिला।
सफ़र का राही अब हमारा मिला
जुस्तजू ख़्वाब एकतरफा मिला।

