STORYMIRROR

Ajay Singla

Romance

3  

Ajay Singla

Romance

जिंदगी और बता....

जिंदगी और बता....

3 mins
375


मोहल्ले में वो अभी थी आई 

रोज़ दीदार भी करते थे हम 

वो भी तिरछी नज़र से देखे 

लगा हमारे प्यार में है दम।


फिर लग गया लाक डाउन ये 

मुलाकात न हो सकी अब 

उसकी याद जो पल पल आए 

खाना सोना भूल गया सब। 


इंतज़ार लम्बा है शायद 

घुट घुट मरने का फायदा क्या है 

जिंदगी और बता , तेरा इरादा क्या है।


महीनों से दीदार न हुआ 

अभी उनको मुझसे प्यार न हुआ 

सोचते थे ये राज़ कह देंगे 

''प्यार है तुमसे'' आज कह देंगे।


निकल गए दिन बस ऐसे ही 

अब काट रहे जैसे तैसे ही 

उनको मिलने को तरस गए हैं 

आँख से आंसू बरस गए हैं।


पर तुम क्या जानो 

हमारा उनसे वादा क्या है 

जिंदगी और बता, तेरा इरादा क्या है ।


उनसे जब भी हम मिलेंगे 

होठों को अपने न सिलेंगे 

बस कह देंगे ''प्यार है तुमसे''

मांग लो जान भी चाहे हमसे।


तेरे लिए मैं छोड़ दूँ सब कुछ 

तेरे बिना नहीं मेरा अब कुछ 

मुझे तो बस चाहत है तेरी 

मेरे लिए तू दुनिया मेरी।


प्यार कोई भी कर सकता 

इससे ज्यादा क्या है 

जिंदगी और बता, तेरा इरादा क्या है।


उसके लिए मैं देखूं सपने 

फूल से दो बच्चें हों अपने 

उनको स्कूल मैं छोड़ के आऊं 

शाम को पार्क में खिलाऊँ ।


वो चाय का प्याला लाए 

गीत कोई मैं गुनगुनाऊँ 

बच्चे जब सो जाएँ तब 

मैं भी उसके साथ सो जाऊं।


इक दूजे से हम मिल न पाएं 

तू इस पे आमादा क्या है 

जिंदगी और बता तेरा इरादा क्या है।


मिलने को अब मन करता है 

पर वायरस से डर लगता है 

मुझको चाहे मौत भी आये 

पर उसको न कुछ हो जाये। 


रोज़ मैं रब से करुँ दुआएं  

दुनिया को अब तू ही बचाए 

विनती कर कर होंठ थके 

फिर भी गर हम मिल न सके।


तो मुझको बता 

प्यार का कायदा क्या है 

जिंदगी और बता तेरा इरादा क्या है 

एक हसरत थी।










Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance