जीवन साथी
जीवन साथी
प्रेम के आधार पर घर अनगिनत खड़े हो जाते हैं
फिर एक दूजे के प्रेम में जीवन सखा हो जाते हैं ।
जीवन रुपी यह अनोखी नया खड़ी है दो पहियों पर
आसान नहीं है इसका रास्ता, भारी पड़ी है कइयों पर।
प्यार और संघर्ष इस राह के अटूट दो नियम हैं
इनके बलबूते पर ही सृष्टि अपनी कायम है।
राह में ज़िम्मेदारियाँ कभी झुंझला या थका देती हैं जब
इक दूजे का हाथ थामे खुद को देते है प्रेरणा तब ।
अंधियारे गलियारों में बनकर दीपक एक दूजे का
संग संग बढ़ाकर कदम सहारा बनते हैं इक दूजे का ।
जब राहें लगती हैं मुश्किल और हिम्मत कहती मत हारना
फिर आंखों में आँखें डालें उजागर होता है इक नया सपना ।
दुःख सुख गृहस्थ जीवन का एक अनोखा हिस्सा है
न जाने कितनी सदियों से इंसान इसमें पिसताआया है ।
पर जिस आँगन पुरुष स्त्री इक दूजे का न साथ छोड़े
उस आँगन से दुःख भागे और खुशियां आये दौड़े दौड़े ।
पुरुष और स्त्री प्रकृति के दो ऐसे रूप हैं
जिन्हें जीवन साथी माला में पिरोया जाता है ,
एक दूजे के फिर सारथी बनकर
दोनों का जीवन सार्थक हो पाता है।