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Archana kochar Sugandha

Abstract

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Archana kochar Sugandha

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जीवन नैया की पतवार आपके हाथों

जीवन नैया की पतवार आपके हाथों

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जीवन नैया की पतवार आपके हाथों में 

जीवन नैया की पतवार के मांझी तुम्हीं हो 

दुःख-सुख के सांझी तुम्हीं हो 

पंडित, पुरोधा और काजी तुम्हीं हो

दांव पर लगी जिंदगी की हार-जीत की बाजी तुम्हीं हो। 


अल्लाह, ईश्वर और भगवान तुम्हीं हो

बाइबल, रामायण और कुरान तुम्हीं हो 

इंसानों में मर्यादा पुरुषोत्तम राम तुम्हीं हो

भगवानों में महा भगवान तुम्हीं हो।


जीवन नैया की पतवार तुम्हीं हो 

प्रेम रसों में पहला प्यार तुम्हीं हो 

कायनात में हार श्रृंगार तुम्हीं हो 

विभूतियों के अद्भुत अलंकार तुम्हीं हो।


तेरी कृपा बिन दीया जिंदगी का जलता नहीं

छाँव ठंडी-मीठी कोई करता नहीं 

पंक में ही फूल कमल का खिला देते हो

फूलों को शूलों संग महका देते हो। 


जीवन नैया हमारी, पतवार आपके हाथों में

कुछ नहीं रखा हमारी बड़ी-बड़ी बातों में 

बदल जाती है जिंदगी की दास्तानें रातों-रातों में

बहाल हो जाती है जिंदगियाँ रूकी साँसों में। 


तेरी आयतें, तेरी रवायतें और तेरी ही हैं इबादतें

धरी की धरी रह जाती हैं हमारी बेमिसाल चाहतें 

तुम्हारे ही हाथों में है हमारी जीवन नैया की पतवार 

चाहे मिटाओ, चाहे खिलाओ तुम्हीं हो जीवन के सर्व-सर्वाधिकार।


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