जीवन में खुशियाँ
जीवन में खुशियाँ
कहाँ से मन में खुशियाँ लाऐं
जब जिंदगी मे उलझन इतनी हो
सांस लेने की फुर्सत नही
न सोचने-समझने की शक्ति तन-मन में हो।।
नई सुबह होगी जीवन में
हर इंसान का ये सपना हो
हंसी-खुशी से जीऐगा जीवन
खुश, सृमिद्दि उन्नति उसके आंगन हो।।
वक्त-बेवक्त की कहनी-सुननी
कहाँ से मन में शान्ति हो
प्रेम भाव भी कहाँ से लाये
मची, उथल-पुथल उसके ह्दय हो।।
कहना-लिखना बडा़ सरल है
पर, आज के जीवन कटु सच ये हो
सबको संग में जो लेकर चलता
ऐसी, उसके संग ही घटना हो।।