जीवन को सफल कर ले प्राणी।
जीवन को सफल कर ले प्राणी।
लम्हा लम्हा सांस ढ़लती जाएगी।
भले काम कर ले जिंदगी यह मौका फिर नहीं लाएगी।
लम्हा लम्हा बीतते रहे, बीत गए दिन महीने और साल।
बिना प्रभु भजन के बीत गया कितना काल।
हे मूढ़ मना क्या नहीं है तेरे मन में यह मलाल ?
सांसे गिनती की है ढलती ही जाएगी।
यह माया का चक्कर है,
काट ले यह मायाजाल सांसो के रहते ही,
वरना सांसे एक दिन पूर्ण हो ही जाएंगी।
यहां का सामान कुछ तेरे काम नहीं आएगा।
यहां का जोड़ा हुआ यहां ही रह जाएगा।
तेरे सत्कर्म का झोला तेरे बहुत काम आएगा।
भवसागर से तुझे वही पार कराएगा।
प्रभु शिव जी के भजनों का भजन तू कर ले,
सेवा भाव जगा कर मन में लोगों की मदद तू कर ले।
जिंदगी में अपनी सही राह तू पकड़ ले।
सांसों की डोर छूटने से पहले
अपने जीवन को प्राणी सफल तू कर ले।
