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Dhan Pati Singh Kushwaha

Drama Action Inspirational

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Dhan Pati Singh Kushwaha

Drama Action Inspirational

जीजाबाई जैसी वीरमाता

जीजाबाई जैसी वीरमाता

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होती जब है जीजाबाई जैसी वीरमाता,

शिवाजी सा वीरपुत्र तब ही है बन पाता।


जन्म के बाद मां पहले निज बच्चे को

पहला कोलोस्ट्रम नामक दूध पिलाती है।

संक्रमण से लड़ने की शक्ति जो है देता,

तन-मन में बच्चे के अद्भुत शक्ति आती है।

मालिश की रगड़ से व्याकुल होकर जब,

शिशु जमकर ही तो है अति रुदन मचाता।

होती जब है जीजाबाई जैसी वीरमाता,

शिवाजी सा वीरपुत्र तब ही है बन पाता।


सबकी सबसे पहली शिक्षक है माता ही होती ,

सबसे पहला उसका ही सबको सानिध्य मिला।

उसके हर्ष का तो पारावार नहीं खुशी ऐसी ज्यों,

किया हो फतह जैसे कोई बहु प्रतीक्षित सा किला।

शिशु हर्ष में ही खुद उसकी है व्यक्तिगत सी खुशी,

होती अति व्यथित जो उसका शिशु व्यथा पाता।

होती जब है जीजाबाई जैसी वीरमाता,

शिवाजी सा वीरपुत्र तब ही है बन पाता।


सबसे अद्भुत ही संतति हो हर मां ये स्वप्न सजाती है,

बच्चे के उज्ज्वल भविष्य हेतु अनेक कष्ट सह जाती है।

उच्च शिक्षा स्थान करे हासिल, मां की आंखों का सपना हो,

सब गुणों युक्त और हो सुशील ,जिसमें कोई भी ऐब न हो।

हर नारी का ही सम्मान करे और सदा न्याय की बात करें,

अधर्म सोचने से भी डरे, परमार्थी और समाज को सुखदाता।

होती जब है जीजाबाई जैसी वीरमाता,

शिवाजी सा वीरपुत्र तब ही है बन पाता।


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