जिद्दी
जिद्दी
एक शख्स है मेरी जिंदगी में
जो मेरी पूरी दुनिया है मेरे लिए
उसमे तो मेरी जान बसती है
हा थोड़ा सा जिद्दी है वो लेकिन
दिल का बहुत साफ और प्यारा है
कहता है मेरी शरारतों से उसे प्यार है
लेकिन खुद इतना खुराफाती है
खुद भी हंसता है मुझे भी हंसाता है
वो शख्स मेरी जान बन जाता है
रखता है दिन भर मेरा ख्याल वो ऐसे
बन जाता है वो मेरी मां बाप जैसे
जो हो जाऊँ कभी उदास मैं तो
हंसाता है वो बन दोस्त जैसे
जो करती हूँ कभी बेवकूफी भरी हरकतें
मुझे समझाता है अच्छे हमसफर की तरह
बाते करते है हम इतनी बकवास
वो बकवास भी लगती हमें बहुत खास
जो ना सुने हम एक पल एक दूजे की आवाज
लगता है जैसे दिन ही ना निकला हो आज
हो गई है एक दूजे की आदत हमे कुछ खास
लगने लगा अब हर पल प्यारा एहसास
मर के भी जुदा ना हो पाए हम कभी काश
भगवान से करती हूँ मैं अब यही अरदास....