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Rajeshwar Mandal

Tragedy

4  

Rajeshwar Mandal

Tragedy

ज़हर

ज़हर

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8



  अपनी वजूद का

  पनाह मांगता जहर 

  किस कदर 

  इंसानी फितरत के समक्ष

  हो गए दीन हीन 

  असरविहीन

  जहर तो यूं ही बदनाम रहा

  बदकारिता के लिए

  यहां तो मधु मिश्रित वाणी से

  मार रहे हैं लोग 

  दिखाकर आत्मीय 

  देख दुर्दशा अपनी

  जहर ख़ोज रहा जहर

  वास्ते खुदकुशी ।


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