STORYMIRROR

Antariksha Saha

Romance Tragedy Fantasy

4  

Antariksha Saha

Romance Tragedy Fantasy

जब तक तारों में नहीं

जब तक तारों में नहीं

1 min
334

जब तक तारों मे नहीं

मै हू यही

बस तेरी आस ही है

जिनकी चिंगारी जिंदा रखे हुए है


रेत मे पैरों के निशान जो खो जाती है

वैसा मेरा प्यार नहीं

पत्थर पर कुरेदे एक नाम की तरह

तू है

जिसे भूलना चाहूं पर भूल ना सकू


जब भी मिले लाखों शिकायत तेरी

जब ना मिले ये सन्नाटा सताता है

कभी तेरा बन ना सका

रिहा कभी हो ना सका तेरी यादों से


तस्वीर मै तुम रह गए

तकदीर में नहीं

लोगों की लहरों सी है

पर तू नहीं उसमे


रातों को सोने न देती यह चुप्पी तेरी

पास हो बंद पलकों तले

अश्क जो बहे ऐसा नहीं

दिल में एक चुभन सी है।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance