STORYMIRROR

Rekha gupta

Romance

3  

Rekha gupta

Romance

जब थामा तुमने मेरा हाथ

जब थामा तुमने मेरा हाथ

1 min
385

उस वक्त का वो मखमली एहसास 

जब थामा था तुमने मेरा हाथ

बनी एक हसीन सी रहगुजर

चल दिए हम, ले हाथ मे हाथ।


मेरे सूने बंजारे जीवन में 

बने तुम खुशियों की सौगात 

दिल से दिल के तार जुड़े 

रही न अब कोई चाहत।


तुम जीतकर हरदम मुझसे हारे 

मै जीत पे अपनी तुम पे वारी वारी

बनते संवरते इस जीवन में 

हमारी हर बात न्यारी प्यारी।


प्रेम बंधन मे बंधे हम तुम 

लेकर कुछ वचनों का साथ 

खट्टी मीठी इस जिंदगी का 

बेहद मधुर है स्वाद।


तुम धूप,मैं छाया बन गई 

कांटों में भी फूल बन खिल गई 

दुख के काले बादल जब छाए 

थामकर तेरा हाथ संभल गई।


अब तो मेरी हर बात में तुम 

दिल की हर आहट में तुम 

एक दूसरे की पहचान हम तुम 

जीवन के हर एहसास मे तुम।


जब तक दिल में धड़कन है 

तेरी मेरी एक धड़कन है 

एक माला के दो मोती हम 

ये बंधन सुख का बंधन है।


ईश्वर की खूबसूरत सौगात तुम 

मेरा गुरूर,मेरी शान हो तुम 

मेरी हर खुशी अब तुमसे 

जीवन के मनमीत हो तुम।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance