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GUDDU MUNERI "Sikandrabadi"

Romance

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GUDDU MUNERI "Sikandrabadi"

Romance

जब जब याद तुम आओ

जब जब याद तुम आओ

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जब-जब याद तुम आओ 

जब-जब याद तुम आओ

बेहद खुबसूरत-सी आंखें 


खामोशी सुलझाते हुए हौँठ 

रेशम-सी जुल्फ का उड़ना 

खिसकते कदम का रुक जाना 

ये ख्वाब मुझे हकीकत लगता है 


जब-जब याद तुम आओ 

जब-जब याद तुम आओ 

मेरी निगाह में झाँकना 


चेहरे से मुझे ताकना तेरा 

सिलसिलो पर बातें करना 

वो चाँद-सा चेहरा खिला हुआ 

आसमां से आई परी लगती हो 


 जब-जब याद तुम आओ 

जब-जब याद तुम आओ

रातो के इन्तजार से

प्यार में हुए इकरार से


बीते दिनों की बातें 

साँस में साँस की आहें 

हर फिक्र की दुआ लगती हो 


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