जब दिल को तेरा चेहरा याद आता है
जब दिल को तेरा चेहरा याद आता है
कैसे शुरु करु मेरा दिन तेरे बिना
इस खयाल से..
सुकुँन मेरा हर रात छिन जाता है
बैचेन सी ये सासे कर देती है जार जार
जब दिल को तेरा चेहरा याद आता है
धुन्दलाने की कोशिशे करता हू बार बार
बेह जायेगा तू इस्स दिल से
इस उम्मिद मे, आखौ से आसू बेहने देता हू हजार
तेरे याद मे बहा हर आसू
जब जिस्म को छु जाता है
तरसती मेरी रूह को
तेरा दिदार हो ही जाता है....
बैचेन सी ये सासे कर देती है जार जार
जब दिल को तेरा चेहरा याद आता है...
करवटे बदलने का सिलसीला
चलता रहता है सारी रात
हर एक गूजरती सास करती है सितम
हर एक उल्झते सिरवटो के साथ
तेरी आशिकी का नशा है कुछ इस कदर
मुझे हर सितम मे भी मजा आता है
बैचेन सी ये साँसें कर देती है जार जार
जब दिल को तेरा चेहरा याद आता है।