STORYMIRROR

हरि शंकर गोयल "श्री हरि"

Fantasy Others

4  

हरि शंकर गोयल "श्री हरि"

Fantasy Others

जासूसी

जासूसी

2 mins
180

बड़ा गजब हंगामा हो रहा है जहां कानून बनने थे 

विभिन्न विषयों पर चर्चा करनी थी

सरकार को घेरना था 

कामकाज और नीतियों की 

आलोचना करनी थी 

वहां पर सिर्फ सियापा हो रहा है। 


कह रहे हैं कि जासूसी करवा रहे हो 

"डरे हुए लोगों" को और डरा रहे हो 

एक तो जनता ने ही कहीं का नहीं छोड़ा 

उस पर आप भी सरेआम नंगा कर रहे हो। 


सब जानते हैं कि चीन से MOU किसने किया 

लद्दाख का बहुत सा क्षेत्र चीन को किसने दिया 

चोरी चोरी चुपके चुपके "उनसे" कौन मिलता रहा 

रात में चीन से मिलकर साजिशें कौन करता रहा 


कुछ पत्रकार भी इसकी चपेट में बताए 

वो मीडिया के नाम पर एजेंडा धारी बताए 

खैराती मीडिया तो अब तक यही करता आया 

आका की गुलामी में झूठ ही परोसता है आया । 


अगर आप सही हैं तो जासूसी से डरना क्या 

अगर आप ग़लत हैं तो फिर हंगामा करना क्या 

आपका तो रिकार्ड ही जासूसी का रहा है 

खुद मौनी बाबा ने संसद में स्वीकार किया है 


चोर की दाढ़ी में तिनका वाली बात हो गई 

आपकी हर बात देश के लिए घात हो गई 

आपका हर कार्य संदिग्ध लग रहा है 

अगर आप देश भक्त हैं तो 

जासूसी से डर क्यों लग रहा है । 


सरकार का विरोध करते करते 

देश का विरोध करने लग गए 

देश के साथ खड़े होने के बजाए

देश के दुश्मनों के साथ खड़े हो गए 

सरकार गिराने के लिए दुश्मनों से गुहार करते हो 

तुम तो देश के लिए काले सांप साबित हो गए 


पैसे और सत्ता की खातिर कितना गिर गए

लोभ लालच में जीते जी मर गए 

अगर कुछ शर्म बची हो तो रार छोड़िए 

बिना बात की अब तकरार छोड़िए 

ज़रूरी विधेयकों पर चर्चा कीजिए 

जनता के मुद्दों पर सरकार को घेरिए 

नहीं तो जनता के कोप से नहीं बच पाओगे 

अभी तो गिनती में तो हो 

आगे तो बिल्कुल साफ हो जाओगे ।। 



साहित्याला गुण द्या
लॉग इन

Similar hindi poem from Fantasy