कभी तो बँधी गाँठ रिश्तों की मुस्कुरा कर खोलो दरख़्त दर-ओ- दीवार भी होते हैं जासूस कभी तो बँधी गाँठ रिश्तों की मुस्कुरा कर खोलो दरख़्त दर-ओ- दीवार भी होते हैं ...
चोर की दाढ़ी में तिनका वाली बात हो गई आपकी हर बात देश के लिए घात हो गई चोर की दाढ़ी में तिनका वाली बात हो गई आपकी हर बात देश के लिए घात हो गई