STORYMIRROR

Anil Jaswal

Abstract

3  

Anil Jaswal

Abstract

जादुई दुनिया

जादुई दुनिया

1 min
170

जादुई छड़ी,

जिसके हाथ भी आ जाए,

आप्रसंगिक शक्तियां आ जाती,

बस छड़ी को घुमाया,

और इस मंत्र का,

जाप किया‌,

" छड़ी‌  वाले जिन्न,

आ जा मैदान‌ में,

तेरा आका बताए काम,

कर उसको  पूूूरा,

फिर कर आराम",

फिर क्या था,

जिन्न तुुुरंत आका की बात मानता,

और अपनी   ‌डयुुुटी पूूूरी करता।


जादुगरनी छड़ी की मालकिन,

 बना रही,

एक ऐसा शर्बत,

अगर उसे  पी लिया,

तो आप,

जिस किसी के भेष में,

आ सकते,

उसकी तरफ से,

कुछ भी कर सकते,

काड़ रही है,

उस शर्बत में,

डालें हुुुए पदार्थों को,

उसके धुंए की,

खुश्बू में हो गई,

है मुग्ध।



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract