STORYMIRROR

Shakuntla Agarwal

Inspirational

4.9  

Shakuntla Agarwal

Inspirational

इज़हार

इज़हार

2 mins
1.5K


आओ शिकायतें छोड़े,

थोड़ा प्यार कर लें !

शिकवा, शिकायतें तो

बहुत ही होती रहती हैं !


कभी सोचा है, आज फुरसत है,

दीदार कर लें !

पास बैठे ज़रा, हँस लें,

थोड़ा प्यार कर लें !


लफ्ज़ लड़खड़ाते थे,

दिल की बात बयां करने में !

कभी सोचा है, आज फुरसत है,

इज़हार कर लें !


थोड़ा स्पर्श पाकर ही,

छुई - मुई की तरह सिमट जाते थे !

कभी सोचा है, आज फुरसत है,

स्पर्श बार-बार कर लें !


एक झलक पाने को

तरसते थे जिनकी हम !

कभी सोचा है, आज फुरसत है,

भरपूर दीदार कर लें !


जिनकी बातें सुनते ही,

चेहरा सुर्ख गुलाब होता था !

कभी सोचा है, आज फुरसत है,

उनसे बातें बार-बार कर लें !


चाँद के अक्स में जिनका

चेहरा नज़र आता था !

कभी सोचा है, आज फुरसत है,

उस चाँद का दीदार कर लें !


पास बैठे जरा हँस ले,

थोड़ा प्यार कर लें !

शिकायतों का पुलिंदा बना दिया

जिनको हमने !


कभी सोचा है, आज फुरसत है,

शिकायतें छोड़े प्यार कर लें !


कमियां ही कमियां ढूंढ़ते हैं

जिनमें आज हम !

कभी सोचा है, आज फुरसत है,

दिल निसार कर लें !


करवटें ले लेकर रात बीतती थी

जिनकी याद में !

कभी सोचा है, आज फुरसत है,

आलिंगन बार-बार कर लें !


बिस्तर पर ना पाकर,

सिहर उठते हैं हम !

कभी सोचा है, आज फुरसत है,

उनसे ये इज़हार कर लें !


उनके बिना ज़िन्दगी

रीती और अधूरी है !

कभी सोचा है, आज फुरसत है,

ये जिक्र यूँ आम कर लें !


तुम हो तो हम हैं,

वरना जिन्दा लाश से क्या कम हैं !

कभी सोचा है, आज फुरसत है,

"शकुन" ये इज़हार कर लें !


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational