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Anju Agarwal

Inspirational

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Anju Agarwal

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इतना तो विश्वास है ...

इतना तो विश्वास है ...

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रात का हो तिमिर गहरा,

चांद तारे भी डरे हो..

कल ना जाने कैसा होगा,

मन आशंकाओं से भरे हो.. 

सूर्य अपनी तीव्र रश्मि,

प्रखर और प्रचंड देगा!

भाग उठेगा अंधेरा,

दूधिया होगा सवेरा!


बस सांस ही में आस है..

इतना तो विश्वास है!

मंदिरों में मस्जिदों में.

चाहे तुम कर लो दिखावा, 

आयतों मैं शंख बोलो,

या अनजानों में चालीसा..

चाहे कितने रूप धर लो,

आवरण कल तो हटेगा!


वो जो सबके मन बसा है 

रूदनों से क्या बंटेगा!

सुन रहा है वह निरंतर..

जो मौन की आवाज है.. 

इतना तो विश्वास है!

नग्न है इंसान,

सारी भावनाएं नग्न हैं.. 

नग्नता फैशन जमाने का,

नया अब बन रहा है..

शील घूंघट में छिपा,

अस्मत बचाता फिर रहा है! 


चीखना चिल्लाना है अब,

बात करने का सलीका!

सारे ज्ञानी घर रहे..

अब यह हिदायत हो रही है!

इस अति का अंत भी अब, 

निश्चित ही आसपास है..

बस यही विश्वास है!

धूप में सब जल रहे हैं..

छाँव पर पहरे लगे हैं!


निजाम के फरियाद ग्रह में, 

काम पर बहरे लगे हैं!

यूं तो है उम्मीद कम,

करें भी किस पर भरोसा,

पर कभी तो दिन खिलेगा 

लभचरों को पर मिलेगा 

अब भी थोड़ी आस है..

इतना सा विश्वास है!



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