इतना सा है ख़्वाब मेरा......!!
इतना सा है ख़्वाब मेरा......!!
बस इतना सा है ख़्वाब मेरा, सजदे में तेरे झुक जाऊँ मैं
लेकर हाथों में हाथ तुम्हारा, प्यार से चूड़ियां पहनाऊँ मैं
बैठ कर ठंडी सी छांव में तुमसे कुछ गुफ्तगू कर पाऊँं मैं
मिला होंठो से होंठ तुम्हारे, इन बाहों में तेरी सो जाऊँ मैं
बस इतना सा है ख़्वाब मेरा, सजदे में तेरे झुक जाऊँ मैं
बस इतना सा है ख़्वाब मेरा, सजदे में तेरे झुक जाऊँ मैं
इन हसीन रातों में बस तुम्हारे ही ख्वाबों में खो जाऊँ मैं
शाम-ए-एहसास, गहरे जज़्बात, आंखों में डूब जाऊँ मैं
हर नज़्म में तुमको दिल देकर, हर गीत में गुनगुनाऊँं मैं
बस इतना सा है ख़्वाब मेरा, सजदे में तेरे झुक जाऊँ मैं
बस इतना सा है ख़्वाब मेरा, सजदे में तेरे झुक जाऊँ मैं
हर सुबह लालिमा संग, तेरा हुस्न-ए-दीदार कर पाऊँं मैं
तुझको खुद से ज्यादा प्यार करु कि तेरा ही हो जाऊँ मैं
भर कर मांग में तेरे सिंदूर मैं, तेरे नाम से जाना जाऊँ मैं
बस इतना सा है ख़्वाब मेरा, सजदे में तेरे झुक जाऊँ मैं।