एक तुम ही....
एक तुम ही....
मैं तुझे आबाद करूँ
तू मुझे बर्बाद ना कर दे
गर चाहूं मैं तुझे बड़ी शिद्दत से
तू मुझसे गैरों सा व्यवहार ना करें
सोचूं तुझे अपने हर पल में मैं
तू मुझे जानने से इनकार ना कर दे
मांगूँ जिसे अपनी हर दुआ में
वो मेरे मौत की फरियाद ना करे।

