इश्क़ का सुरूर
इश्क़ का सुरूर
सपनो में खोये रहते है हम तेरे
आशिकी में तेरी दिन रात रहते है
इस तरह से तुझ को चाहते है जनाब
चाँद को ही अपने सारे हम राज कहते है
हर समय सुरूर तेरा चढ़ा है सिर पर
मदहोशी में भी हम बस तेरे नाम लेते है
सपनो में खोये रहते है हम तेरे
आशिकी में तेरी दिन रात रहते है
इस तरह से तुझ को चाहते है जनाब
चाँद को ही अपने सारे हम राज कहते है
हर समय सुरूर तेरा चढ़ा है सिर पर
मदहोशी में भी हम बस तेरे नाम लेते है