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Mayank Kumar

Tragedy

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Mayank Kumar

Tragedy

इश्क़

इश्क़

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इश्क़ का पैताबा पहनकर

आज वह यह भूल गए हैं कि

हम जूते की तरह उन्हें

पत्थरों-कंकडों से बचाते रहे हैं,

पर, मुझे यह मालूम न था कि,

उनकी शख्सियत कुछ अलग थी,

वह जूते से ज्यादा पैताबा को

अपने जीवन में अहमियत देते रहे।

अब, उन्हें कौन समझाए ?

जूते एवं पैताबे में फ़र्क क्या हैं !



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