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Devesh Dixit

Romance

4  

Devesh Dixit

Romance

इश्क

इश्क

1 min
302


इश्क किया है मैंने तुमसे

तुम ही जिंदगी की डोर हो

हँसी मजाक करूं मैं तुमसे

तुम ही जीवन की प्रीत हो


चेहरे पर तुम्हारे मुस्कान आती है

तो प्रसन्न मैं भी बहुत हो जाता हूं

और जब गंभीरता कभी आती है

तो अत्यंत दुखी मैं भी हो जाता हूं


बस तुम कभी भी उदास न हो जाया करो

मेरे मजाक पर तुम क्रोध न दिखाया करो

बड़ी प्यारी सी है ये अदभुत ज़िन्दगी देखो

इस ज़िन्दगी को बड़े प्यार से बिताया करो


तुम प्रियतमा हो मेरी, मैं प्रियतम तुम्हारा

 झटकना हाथ तुम्हारा, नहीं मुझको गवारा

आई हो जीवन में मेरे, बनकर रंगीन तराना

रूठने का न चलेगा, अब कभी कोई बहाना


तुम्हारे होने से ही तुम्हारा एहसास है

तुम न हो तो मेरी जिंदगी बकवास है

तुमसे झगड़ना तो बस एक मजाक है

यही तो जिंदगी का असली अलंकार है.


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