इश्क मेरा चांद है
इश्क मेरा चांद है
तुम हवा का मदहोश सा शबनमी झोंका।
हो तुम ही बहती नदी की सावन की सरगम।
तुम बसंती रुत की फूलों की चमक हो
और तुम ही हो घास की बूंदों पे शबनम।
जिंदगी के साज की हो मधुर आवाज तुम।
हो तुम्ही प्यार की पायल की छम छम।
इश्क मेरा चांद है रूपसी हो चांदनी तुम।
हमनवा हमराज मेरी हो तुम्ही दिलशाद हमदम।