इश्क में तेरे
इश्क में तेरे
इश्क की
महफिल सजी है
इन नैनों में उतर आओ,
एक ख्वाइश
इस दिल में जगी है
थोड़ा करीब तो आओ,
चेहरा तेरा निहारूं
अब इस चांदनी रात में,
मखमल सा मैं
बिछ जाऊं
बस तेरे प्यार में,
तू शबनमी
ओस सी
पलकों में
आ ठहरी है,
एक हंसी ख्वाब
बन आसमां से
तू जमीं पे उतरी है,
दीदार तेरा
अब हो जाए
इस मुकद्दद्स प्यार में,
मुझ पे भी
करम हो जाए
तेरे
इश्क के बाजार में।