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Dhanjibhai gadhiya "murali"

Romance

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Dhanjibhai gadhiya "murali"

Romance

इश्क का अनादर

इश्क का अनादर

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मै तेरे इश्क का दीवाना बना था, 

मगर तूने कभी मेरे सामने न देखा,

मै तुझ से इजहार करना चाहता था,

मगर तूने

कभी एतबार न किया।


मैने इंतजार तेरा रोज किया था,

मगर तूने

वादा कभी न निभाया,

मै मायूस बनकर खडा रहता था,

मगर तूने

कभी परवाह न किया। 


मैने तुझ को दिल में बसाया था,

मगर तूने

कभी झाँककर न देखा,

मैने तेरे दिल से ताल मिलाया था,

मगर तूने

मेरा दिल ही तोड दिया।


मै तेरा ईस्तकबाल करना चाहता था,

मगर तूने

ईनायत को ममनून न किया,

मै इश्क का राग सूनाता था "मुरली",

मगर तूने

कभी इकरार ही न किया।



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