महसूस कर लो
महसूस कर लो


हम कोई पराये नहीं हैं,
हम कोई अजनबी नहीं हैं,
जब भी चाहे तब महसूस कर लो जानेमन,
हम तो आप के नैनों के आईने में समाये हैं।
हम कभी नफ़रत करते नहीं हैं,
हम कभी बेवफाई करते नहीं हैं,
जब भी चाहे तब महसूस कर लो जानेमन,
हम तो आप की तस्वीर की इबादत करते हैं।
हम कोई काफिर नहीं हैं,
हम कोई फकिर नहीं हैं,
जब भी चाहे तब महसूस कर लो जानेमन,
हम आप के रोम रोम में ही लहराते रहते हैं।
हम इश्क का इजहार करते हैं,
हम दिल से इस्तकबाल करते हैं,
जब भी चाहे तब महसूस कर लो जानेमन,
"मुरली" तो इश्क की सल्तनत का शहंशाह हैं।