मेरी दुनिया
मेरी दुनिया


तेरी मीठी नजर मुझ को रोम रोम लहरा देती हैं,
तेरे कजरारे नैना मुझ को घायल बना देता हैं।
तेरा चमकता चेहरा मुझ को मोहित बना देता हैं,
तेरे गुलाबी होंठ मुझ को मधुकर बना देता हैं।
तेरे मधुर अल्फाज़ मुझ को रोमांचित कर देता हैं,
तेरे इश्क के लिये मुझ को हर पल तड़पा देता हैं।
तेरा बेशुमार हुस्न मुझ को मदहोश बना देता हैं,
तेरे ख्वाब रात भर मुझ को निंद में से जगा देता हैं।
तेरा उदास चेहरा मुझ को गमगीन बना देता हैं,
"मुरली" मेरी दुनिया तू क्यूँ एसे तमाम कर देती हैं?