इंतज़ार
इंतज़ार
खुले दर ,
हर आहट,
तुम्हारे आने की ,
खबर देती ,
पर मिलती मायूसी।
इसीलिए बैठ घंटों,
तुम्हारा इंतज़ार करती,
दिल व घर के दर खोलकर।
आज भी .....
पलक झपकाने से डरती हूँ
कहीं तुम....
बिन आहट ही आ गए तो....
हर पल ,बस रहता है
तुम्हारा ही इंतज़ार
पता नहीं कब बुझेगी
इन नैनों की प्यास...
कर रही हूँ इंतजार ,
बस इंतज़ार ।