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Anupam Meshram

Romance

4.5  

Anupam Meshram

Romance

इंतज़ार तेरा इंतज़ार

इंतज़ार तेरा इंतज़ार

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एक तेरा इंतजार ही तो नहीं होता अब 

बस यूं लगता है कभी मैं चलता मेरे साथ होती तू


कभी चलकर थोड़ा रुकूँ सांस लूँ वहाँ होती तू

मैं इंतजार करता हारकर रह जाऊँ वहाँ मुझे थाम ले तू 

हर पल मैं तुझे महसूस करता मेरे सीने से लिपटी मेरे दिल के पास होती तू


तेरी यादें आती और मेरी आंखें भर आती

वो बेचैनी वो तड़प वो एहसास प्यार देखने पास होती तू


हाँ चलते रहने का नाम है ज़िन्दगी

लेकिन कदम कदम पर चलने के लिए भी काश मेरे साथ होती तू


ऐ मेरी ज़िन्दगी तुझे एहसास नहीं शायद

कितनी चाहत है कितनी मोहब्बत है इस दिल में तेरे लिए


कभी मेरी धड़कनों को सुनने मेरे पास होती तू



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