कविता -मातृ भाषा
कविता -मातृ भाषा
राष्ट्र भाषा, हिंदी भाषा, मेरी भाषा प्यारी भाषा
सबकी भाषा अपनी भाषा अपनों की भाषा राष्ट्र भाषा नेक है,
शब्द उच्चारण कर्ण प्रिय जिसके आवाज़ में बड़ी मिठास है
यह भाषा प्रिय है सबको आपसी संवाद का अपना अलग अंदाज है,
अ, आ, इ, ई, क, ख, ग, घ हिंदी का आधार है
स्वर, व्यजन, संधि, वर्ण, अलंकार, समास रस से होता इसका श्रृंगार है ,
कविता, कहानी, निबंध, ग्रंथ सब हिंदी के दिए उपहार है
कवि की कल्पना सुंदर रचना ही सृष्टि का निर्माण है,
विश्व पटल पर छायी है हिंदी, हिंदी का हर तरफ गुणगान है,
किस्मत वाले है हम हिंदी वतन और हिंदी भाषा अपनी पहचान है,
बेशक बहुत है भाषा बोली यहां देश में लेकिन नारा सबका एक है,
हिंदी भाषा सबसे प्यारी सारी भाषाओं का इसमें मेल है,
नमन है यहां की माटी को हिंदी भाषा को हर हिंदी भाषी को नमन है
नमन है माँ भारती को नमन है विज्ञान को,
चलो आज हम करें प्रण हिंदी का करना प्रचार है
विश्व पटल पर हिंदी ही रहे आगे हिंदी
हम भारतीयों की पहचान है
हिंदी हमारे दिल का अरमान है
आओ आज हम सभी शपथ लेते है अपनी राष्ट्र भाषा हिंदी भाषा को ऊंचाइयों तक पहुंचाते है अपने बच्चों को अपनी आने वाली पीढ़ी को हिंदी सिखाते है उन्हें हिंदी प्रेम सिखाते है आप सभी को हिंदी दिवस की हार्दिक शुभकामनायें जय हिन्द जय राष्ट्र भाषा