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Thomas Augustine

Romance

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Thomas Augustine

Romance

इक चेहरा है मेरी नज़र में ।

इक चेहरा है मेरी नज़र में ।

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इक चेहरा है मेरी नज़र में,

जो खूबसूरत है मेरे ख्यालों में,

ना जाने क्या है बात ऐसी,

मैं हो गया दिवाना उसकी ही यादों में।


याद मुझे आती है उन दिनों की,

इत्तेफाक की उस मुलाकात की ,

जब हम मिले यूँ ही इक रोज़ ,

मै खो गया हूँ यादों में अब,

बस उसी की यादों में।


क्या हुआ है मुझको मेरे यारो,

क्या कहूँ मैं, कुछ जानू ना,

रात दिन मुझे नींद नहीं ,

मुझे क्या हुआ है मैं जानू ना।


बीमार इस दिल को,

कोई क्या समझायेगा दिवानगी है क्या,

कोई क्या बतलायेगा इलाज है क्या।


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