लोग अक्सर पूछते है मुझसे
लोग अक्सर पूछते है मुझसे
लोग अक्सर पूछतें है मुझसे
अंधेरे में बैठे हो क्यू ।
अपने गम को छुपता हूँ मैं,
ये तुमको मैं बताऊँ क्यू ।
शौक ऐसे जीनेका
मुझको है कबसे और क्यू,
यार-दोस्त ऐसे पूछकर
बस चले जातें है क्यू ।
दो पल के लिए भी कोई
पास आकार रुकता नहीं क्यू,
आपात आ पड़ी है
उन्हे दिखता नहीं ये कैसे और क्यूँ ।
देखो क्या-क्या करके
कौन बन गया है क्या,
दुनिया में अब बाकी
रह ही गया है क्या,
पैसा अब इंसान से बढ़कर
हो ही गया है क्या ।