STORYMIRROR

Nalanda Satish

Drama

3  

Nalanda Satish

Drama

हत्यारे

हत्यारे

1 min
218


करनेसे किसीका खून या हत्या

कोई हत्यारा नहीं हो जाता

हत्यारों की नस्ले है बहुत

रंगेहाथ पकड़ने से कोई चोर नहीं होता


हत्या जीवो की होती हैं

हत्या विचारो की होती हैं

हत्या भावनाओ की भी होती हैं

हत्या इंसानियत की होती है


हत्या विश्वास की भी होती हैं

पीठ में खंजर घोपने वाले भी होते हैं हत्यारे

मन को कलुषित कर

जहर घोलने वाले भी होते हैं हत्यारे


शरीर रहता है जिंदा

आत्मा के भी होते हैं हत्यारे

दिलो को जुदा करने वाले

प्यार के रिश्तों के होते है हत्यारे


किसिकीे ख्वाहिशों के हत्यारे

किसी की इच्छाओं के हत्यारे

किसी की चैन ए सुकून के हत्यारे

किसी के दिमाग पर छाए रहते हत्यारे


जानबूझकर नहीं बनते हैं कोई हत्यारे

विपरीत परिस्थिति होती हैं कारण

मासूम हृदय पर होते जब वार

विद्रोही हो जाता है आचरण


हत्यारे भी होते है संवेदनशील

प्यार और इज्जत के भूखे

करो ना किसी को भी इतना जलील

की बिगड़ जाए उसकी दिमागी तबीयत।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Drama