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Rashi Saxena

Abstract

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Rashi Saxena

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हरयाली और रास्ता

हरयाली और रास्ता

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प्रकृति से मिला हरा भरा भरपूर वरदान

मलिन कर पछताएंगे हम सब बरसों फिर


दुरूपयोग जो कर रहे आज होकर नादान

कहीं मीठा पानी झरता कहीं खनिज खदान


अकूट मिल रही प्राणवायु सूर्य का प्रकाश 

प्रदूषण की से कैसे बचेंगे भविष्य और जान 


वृक्षारोपण पौधरोपण के उपाय सहज सुजान 

हरियाली हरति गर्मी पीड़ा देती ठंडक महान।


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