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AVINASH KUMAR

Romance

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AVINASH KUMAR

Romance

हर ताले की एक है चाभी

हर ताले की एक है चाभी

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हर ताले की एक है चाभी

और मेरी चाभी हो तुम

इधर उधर क्या देखती हो

मेरे दोस्त की भाभी हो तुम


ज्यादा अब सोचो नहीं

ना हो ख्यालों में गुम

हर ताले एक है चाभी

और मेरी चाभी हो तुम


चांद सितारे देखें रास्ता

मेरी चांदनी हो तुम

जिस राग से मन हो प्रफुल्लित

वो मेरी रागिनी हो तुम

जमाना चाहे जो कहें

मेरी अर्द्धांगिनी हो तुम


नित प्रातः सायं करूं मैं वंदन

मेरी वंदना हो तुम


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