STORYMIRROR

MS Mughal

Romance

3  

MS Mughal

Romance

हर सु नज़र आता है माशूक

हर सु नज़र आता है माशूक

1 min
157

हर सु नज़र आता है माशूक, इश्क़ में समा जाने के बाद

इश्क़ और गहरा हो जाता है , दीदार हो जाने  के बाद


में उसी का दीवाना हूं, वोह ही हैं दिलदार माशुक मेरा 

तबियत मचल जाति है और भी, तेरे मुस्कुराने के बाद


तराना ए इश्क़ सुनता हूं, दिल रबाब ओ रग ए तार में 

हर लहज़ा बदल जाती है चाल, तेरे गुनगुनाने के बाद


हर वक्त इस सोच में गुम हूं, की तू कभी न बदलेगा 

हर ज़माना बदल जाता है, एक गुज़रते ज़माने के बाद


शब ओ शाम के किस्से है यूं, लब ए दहन पर मेरे 

तूने अपना बना ही लिया मुझे, मिलने मिलाने के बाद


तमाम शहर में है मेरी आशनाई, तुझ करार ए दिल से 

तमाम शहर है मुझ से आश्ना, तुझ से दोस्ताने के बाद


कैफियत ए इश्क़ भी अजब, कैफियत होती है दिल पर 

यक ब यक हो जाता हूं रूबरू, तसव्वुर हो जाने के बाद 


एक वस्ल की शब में अजब दास्तां लिख दी तूने 'हसन' 

क्या क्या न सुना मैने , उसके सुनने सुनाने के बाद।



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance