वसीयत लिखनी है मुझको अपनी, किसी के नाम करनी है कुछ चीजें अपनी! वसीयत लिखनी है मुझको अपनी, किसी के नाम करनी है कुछ चीजें अपनी!
ज़िन्दगी सिर्फ साँसों से चलती नहीं है। ज़िन्दगी सिर्फ साँसों से चलती नहीं है।
मेरे इश्क की यही खराबी थी जिसने मुझे गै़र बुलाने कहा मेरे इश्क की यही खराबी थी जिसने मुझे गै़र बुलाने कहा
फिर लिखने बैठे हैं, इक नई कैफियत, यह सोच लिया है कि वे, जमाने का चलन जान जायेंगे...! फिर लिखने बैठे हैं, इक नई कैफियत, यह सोच लिया है कि वे, जमाने का चलन जान जायेंगे...
हर सु नज़र आता है माशूक, इश्क़ में समा जाने के बाद। हर सु नज़र आता है माशूक, इश्क़ में समा जाने के बाद।
त्रिवेणी गुलज़ार साब की ईजाद की हुई फॉर्म है. जिसमें दो मिसरों का एक शे'र होता है. फिर एक तीसरी लाइन... त्रिवेणी गुलज़ार साब की ईजाद की हुई फॉर्म है. जिसमें दो मिसरों का एक शे'र होता ह...