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संदीप सिंधवाल

Romance

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संदीप सिंधवाल

Romance

होली के रंगों सा श्रृंगार तेरा

होली के रंगों सा श्रृंगार तेरा

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होली के रंगों सा श्रृंगार तेरा

उन्हीं रंगों में घुला प्यार मेरा।


लाल गुलाल सा गाल तेरा

तड़पे दिल, बुरा हाल मेरा।


सफेद लटकता गजरा तेरा

मन में संगीत बज रहा मेरा।


कलाई हरी चूड़ी कंगन तेरा

कोमलता पे मन मगन मेरा।


लजाते कदम का पायल तेरा

दिल करता रहता घायल मेरा।


पीला सा लरहरता चुनर तेरा

जगाता प्यार का हुनर मेरा।


आँखों का काला काजल तेरा

बहकता जज्बात पागल मेरा।


माथे टिमटिमाता कुमकुम तेरा

देख होश हो गया गुमसुम मेरा।


नीला जंचता हर नाखून तेरा

बेकाबू दिल पर नासूर मेरा।


केसरी दमकता है बिंदा तेरा

यही रखा है दिल जिंदा मेरा।



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