हो गये तीस
हो गये तीस
तुम इस रंग बदलती दुनिया में तुम मेरा प्यार हो,
ना हुआ वैसा तो क्या साथ तुम्हारे ऐसा जीवन सही है,
ये बढ़ती उम्र का तक़ाज़ा है बस मुस्कुरा तुम देना,
अब कहाँ वो बालों में कालापन और लटों का इठलाना,
ऐसे तुम्हारी पुकार पर मुस्कुराना इतराना तो आज भी है,
हाँ शायद बदल गया हुँ पर तुम और तुम्हारा साथ वही है,
अभी तो बस बच्चे बड़े हुएँ हैं हमारा प्यार तो वही है,
चलो आज थोड़ा मचल जाते हैं चलो थोड़ा मुस्कुराते हैं,
बस हमेशा तुम्हारा साथ रहे हाथों में तुम्हारा हाथ रहें,
चलो फिर जीवन की यात्रा को और नमकीन बनाते है,
आज भी याद है ना वो नये रास्ते पे चलने का आनंद,
चलो आज फिर कुछ पुरानी यादों को आज़माते हैं,
चलों आज बच्चों में अपना अल्लहड़पन ढूँढलाते हैं,
अब थोड़ा समझ लेना शाम को खिचड़ी बनाते हैं।

