अभी कभी
अभी कभी
अभी कभी तो था,
यहीं कहीं तो था,
वो सपनो का संसार,
फिर क्यों चुप हैं,
फिर क्यों छुपते हो,
चेहरा भी ढका है,
दरवाज़े भी बंद हैं,
ना जाने की आस है,
ना आने की इच्छा है,
कोई कह रहा है,
कारोना हुआ है यहाँ,
इन अजनबी चेहरों में,
होगा कोई अपना भी,
सभी तो थे यहीं तो थे,
अभी कभी की तो बात है।