हनुमान जन्मोत्सव।
हनुमान जन्मोत्सव।
जब जब मुझे हुआ प्रतीत मै हूँ अकेला
तब तब एक ऐसी जोरों से है हवा चली।
उस हवा से मुझे हर समय हुआ प्रतीत
मेरे पीछे हर वक़्त खड़े बजरंग बली।।
जब जब लगा छोड़ा सब ने साथ मेरा
तब तब हुआ प्रतीत, हैं साथ बजरंग बली।।
अब सब कुछ छोड़ दिया है मैंने तुम पर
मेरी दुनिया मेरी ताकत मेरे प्यारे बजरंग बली।।