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Hasmukh Amathalal

Comedy

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Hasmukh Amathalal

Comedy

हमें उजाला पसंद है

हमें उजाला पसंद है

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सूरजदादा का आगमन

ला देता है अमन

फूल खिलते हैं चमन

डोल उठता है मेरा मन।

कोयल का धीरे से चुप हो जाना

मुर्गे की बांग का चालू रहना

भँवरे का आगे बढ़कर गुनगुनाना

और फूल को अपना बनाना।

फूल का अंगड़ाई लेना हमें पसंद है

बस समुचित खुश रखता एक आनंद है

उसकी सुगंध हमें प्रफुल्लित कर देती है

प्रकृति की और आकर्षित करती है।

ऐसी मनचाही हरकत हमें आश्वस्त कर देती है

उसका मतलब सामने लाकर रख देती है

कर भला तो होगा भला

हमें क्यों एतराज़ हो भला?

हम करते रहें नमन

बस ऐसे ही बना रहे सूरज का आगमन

हमें उजाला पसंद है

बस चारोओर खुशनुमा वातावरण मनपसंद है


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