हमारी संस्कृति हमारी पहचान
हमारी संस्कृति हमारी पहचान
भारतीय संस्कृति समेटे है स्वयं में
परिशुद्धता और शिष्टाचार का ज्ञान
वसुधैव कुटुंबकम की पवित्र भावना का
यहाँ होता है सदैव सम्मान।।
पग-पग पर बदलती पोशाकें यहाँ
और पग-पग पर बदलती भाषाएँ
विश्व भर में है प्रसिद्ध यहाँ के रीति-ऱिवाज
और अनोखी परंपराएँ।।
संस्कारों की भूमि है यह
जन्में इस मातृभूमि पर कितने संत महान
विविधता में मिलती एकता यहीं पर
भारतीय संस्कृति है हमारी पहचान।।
वेद, पुराणों, शास्त्रों में झलकती यहाँ
आदर्श और संस्कारों की परिभाषा
गीता का ज्ञान यहाँ, है रामायण की सीख भी
जीवन को देती है सही दिशा।।
बड़ों का होता सम्मान यहाँ,
माता -पिता और गुरु हैं यहाँ भगवान समान
भारतीय संस्कृति सिखाता हमें मिलकर रहना
करना रिश्तों का सम्मान।।
पूजा-पाठ व्रत संस्कृति हमारी
विनम्रता और सद्भाव का विकास करती
जीवनशैली है संस्कृति हमारी जो पग पग पर
कर्तव्यों का हमें बोध कराती।।
आध्यात्मिकता, आशावाद और सहिष्णुता के गुण
सदैव से रहे हैं इस संस्कृति में निहित
तभी तो अनेक झंझावातों को सहती आई
संस्कृति हमारी आज भी है जीवित।।
हमारी संस्कृति हमारी आत्मा हमारी निधि है
हमें सदैव करना है इसका संरक्षण
पहचान है संस्कृति हमारी, नैतिक मूल्यों ये का द्वार है
है ये हमारा जीवन।।