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Dimple Agrawal

Romance

4  

Dimple Agrawal

Romance

हमारा प्यार जैसे चाय गरम

हमारा प्यार जैसे चाय गरम

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तेरे प्यार की गरमाहट देती रूह को मेरी कुछ ऐसा सुकून,

जैसे जाड़े की सर्द सुबह में पा जाए कोई चाय गरम।


दूध और पानी के जैसे हम थे स्वभाव से अलग-अलग, 

पर जब साथ मिले तो घुल गए ऐसे जैसे मानो एक ही रंग।


चीनी और चायपत्ती के जैसे अथाह प्रेम और अडिग विश्वास मिला के, 

अपने रिश्ते में भरा है हमने मीठापन और कड़क सुनहरा रंग ।


इलायची और अदरक जुड़ते जैसे इसमें बढ़ाने इसका स्वाद और खुशबू, 

वैसे ही बच्चों ने आकर मनोरम कर दिया संसार हमारा और महका दिया ये आंगन।


उबलती चाय के जैसे जिंदगी के इम्तिहानों की तपिश से सालों-साल ये रिश्ता हुआ है परिपक्व, 

पर आज भी इस रिश्ते में है जज्बातों की खुशबू और उमंगों की ताज़गी।


ठंड के कोहरे से ढकी इस अप्रत्याशित सी जिंदगी में हमारा प्यार ऐसे देता है सुकून जैसे चाय गरम ।।




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